मेरे पतलू अंकल फुरफुरी नगर में रहते हैं,वे मेरे पिताजी के छोटे भाई हैं! मेरे पतलू अंकल फुरफुरी नगर में रहते हैं,वे मेरे पिताजी के छोटे भाई हैं!
हैं सब सुख सुविधाओं से संपन्न नगर पालिका वाला कस्बा था हैं सब सुख सुविधाओं से संपन्न नगर पालिका वाला कस्बा था
आदमी अपने हुनर से कुछ भी हासिल कर सकता है। आदमी अपने हुनर से कुछ भी हासिल कर सकता है।
अतः गुरु जी बच्चो को बैठने के लिए कहते है और कक्षा से चले जाते हैं। अतः गुरु जी बच्चो को बैठने के लिए कहते है और कक्षा से चले जाते हैं।
वीना ने उसे गोद में उठा लिया और हरीश ने दोनो को बाहों में भर लिया। वीना ने उसे गोद में उठा लिया और हरीश ने दोनो को बाहों में भर लिया।
सुरजमनी की भी फूलों जैसी चेहरा दिख जाती है और उसे याद कर जोर -जोर से रोने लगती हूँ। सुरजमनी की भी फूलों जैसी चेहरा दिख जाती है और उसे याद कर जोर -जोर से रोने लगती ह...